2018 में केतु का गोचर क्या होता है
2018 में मेष राशि में केतु का गोचर
2018 में केतु का गोचर सिंह राशि में
2018 में केतु का गोचर कन्या, तुला और वृश्चिक में।
केतु महाराज आने वाले लगभग ३० महीनों तक मकर राशि में रहेंगे। इस गोचर का अर्थ यह है कि २०१८ ही नहीं बल्कि २०१९ भी बड़े स्तर पर प्रभावित करेगा सभी १२ राशियों को।
केतु महाराज १८ अगस्त २०१७ को अपनी पहले वाली राशि में से निकल कर मकर राशि में विराजमान हुए हैं। आए देखें कि इसका असर २०१९ में सभी राशियों पर कैसा पड़ेगा। और अगर किसी राशि पर इसका बुरा प्रभाव हो रहा है तो हम इस से बचने के उपाये भी बताएंगे।
केतु महाराज मोक्ष का करक माने जाते हैं इसलिए केतु महाराज से डरे नहीं। जब कभी भी पापी ग्रह किसी भी कुंडली में आते हैं तो किसी भी जातक को राहु-केतु का बहुत अधिक प्रभाव होता है। ग्रहों की अच्छी स्थिति है तो राहु-केतु शुभ होंगें और अगर ग्रहों की बुरी स्थिति है तो राहु केतु बुरा प्रभाव देंगे। राहु और केतु किसी भी व्यक्ति के जीवन में हमेशां अचानक बदलाव ले आते हैं व् कई तरह की घटनाएं घटित होने लगती हैं।
केतु महाराज अगर शुभ स्थिति में हैं तो व्यक्ति मल्टीटैलेंटेड होता हैं।
क्यों राहु और केतु हमेशां एक साथ उल्लेख किये जाते हैं ? क्योंकि कभी ये एक ही शरीर के थे। राहु व्यक्ति के सिर से जुड़ा होने के कारण बुद्धि और सोच को प्रभावित करता है, इसलिए वाणी और कहें शब्दों से प्रहार करता है, और वहीं केतु धड़ से नीचे हिस्सा होने के कारण शास्त्रों से प्रहार करता है। यानिकि केतु के प्रभाव में आकर व्यक्ति हिंसा भी कर सकता है।
क्यों राहु और केतु हमेशां एक साथ उल्लेख किये जाते हैं ? क्योंकि कभी ये एक ही शरीर के थे। राहु व्यक्ति के सिर से जुड़ा होने के कारण बुद्धि और सोच को प्रभावित करता है, इसलिए वाणी और कहें शब्दों से प्रहार करता है, और वहीं केतु धड़ से नीचे हिस्सा होने के कारण शास्त्रों से प्रहार करता है। यानिकि केतु के प्रभाव में आकर व्यक्ति हिंसा भी कर सकता है।
केतु अगर शुभ भाव में है तो वह हमेशा अच्छा ही फल देता है और अशुभ भाव का केतु अक्सर नुकसान करवाता है।
केतु महाराज की दशा जो गोचर के बाद दिखती है, किसी भी व्यक्ति के जीवन में अचानक आने वाले बड़े बदलावों के तरफ इशारा करती है। इसलिए इसके प्रभावपहले से जान लेना अति आवश्यक है।
अति शुभ स्थिति का केतु किसी भी व्यक्ति को आध्यात्मिकता की ओर भी उन्मुख करता है, जिससे ऐसा व्यक्ति भोग-विलास का जीवन त्याग कर सात्विक विचारों की तरफ अग्रसर होता है।
केतु महाराज के प्रभावों के बारे में यह समझना अति आवश्यक है कि यह कुंडली में अपने शुभ-अशुभ भावों के अनुसार ही पहले से एकदम उल्टा फल देता है। मतलब, अगर पहले कुछ बहुत अच्छा था, तो वह बुरा हो जायेगा, और अगर बुरा था तो अच्छा हो जायेगा।
राशि भले ही एक हो किन्तु कुंडली में केतु महाराज के प्रभाव अलग अलग होंगे। इसलिए गोचर के फल जानने के लिए आपको उन स्थितियों के बारे में जानना जरुरी है जहां इसके प्रभाव हो सकते हैं।
अब हम आपको बातये गे कि आपकी राशि में केतु महाराज का गोचर आपको क्या फायदा या नुक्सान पहुचायेगा।
Team
www.ShankerStudy.com
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